कोरबा । शहर में चंद मीटर के सड़क को मरम्मत का वर्षों से इंतजार है। सीमांकन के विवाद में उलझे सड़क से गुजरना लोगों के लिए कष्टकारी साबित हो रहा है। नगर निगम और राजस्व विभाग के बीच दो पाटों में सैकड़ों लोग हर रोज हलाकान होकर व्यवस्था को कोस रहे हैं।शासकीय विभागों की उदासीनता सैकड़ो लोगो के लिए हर दिन की परेशानी का सबब बन गई है।
इसी कॉलोनी से लगी हुई कोरबा के बड़ें निजी अस्पतालें, मेडिकल स्टोर, ब्लड बैंक आदि स्थित है। जहां हर रोज सैकड़ो मरीज व उनके स्वजन हिचकोले खाते कच्ची सड़क से गुजरते है।
कई बार अस्पताल पहुंचने वाले गंभीर मरीजों को इससे काफी नुकसान होता है। थोड़ी भी बारिश हो जाने के बाद यह मार्ग और भी ज्यादा खराब एवं असुरक्षित हो जाती है।
अस्पताल संचालकों की माने तो मरीजों को ध्यान में रखते हुए सड़क का अस्थायी निर्माण कई बार निजी मद से किया गया है, लेकिन एक समय के बाद सड़क वापस से खराब हो जाती है। पेंच यह भी है कि सार्वजनिक सड़क पर पक्का निर्माण निजी रूप से नहीं कराया जा सकता है।
कोसाबाड़ी से मंगलम विहार कालोनी के लिए पक्की सड़क की सुविधा नहीं होने से स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी है। लोगों का कहना है कि प्रशासन एक पक्की सड़क तक उन्हें उपलब्ध नहीं कर पा रहा है। खासकर अगर थोड़ी बारिश हो जाए तो मंगलम विहार कालोनी के लोगों की समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है।
गड्ढों में बारिश का पानी और कीचड़ से पूरा मार्ग सराबोर हो जाता है। खास बात यह है कि मार्ग पर प्रकाश व्यवस्था का भी अभाव है। अंधेरे के कारण रात में हादसे होने का खतरा बना रहता है। दूसरी ओर अव्यवस्था के कारण लोगों के घरों में जहरीले जीव जंतुओं के घुसने का भी खतरा बना हुआ है।
इसी कॉलोनी से लगी हुई कोरबा की बड़ी निजी अस्पतालें, मेडिकल स्टोर, ब्लड बैंक स्थित है। इस वजह से हर रोज सैकड़ो मरीज व उनके स्वजन हिचकोले खाते इस कच्ची सड़क से गुजरते है। खासकर अस्थि और प्रसव पीड़ा के मामलों में जर्जर सड़क के कारण मरीजों को अधिक समस्या होती है। कुछ समय पहले मार्ग पर एक मरीज को परेशानी हुई थी। जिससे आक्रोशित स्वजनों ने मार्ग पर प्रदर्शन भी किया था।