चीन और भारत के बीच लंबे समय से तनावपूर्ण संबंध रहे हैं। सीमा विवाद और सैन्य गतिरोध इन तनावों के प्रमुख कारण हैं। दोनों देशों के बीच आर्थिक प्रतिद्वंद्विता भी है। कई कंपनियां अब भारत को चीन के विकल्प के रूप में देखती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'मेक इन इंडिया' पहल के जरिए भारत अपनी जटिल विनिर्माण क्षमता को बढ़ा रहा है। लेकिन, अभी भी भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा है।
प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के एक शोधकर्ता काइल चान का मानना है कि चीन, भारत में विनिर्माण के इस बदलाव से चिंतित हो सकता है। चीन भारत को भू-राजनीतिक प्रतिद्वंदी और लोकतांत्रिक विकल्प के रूप में देखता है।
प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के एक शोधकर्ता काइल चान का मानना है कि चीन, भारत में विनिर्माण के इस बदलाव से चिंतित हो सकता है। चीन भारत को भू-राजनीतिक प्रतिद्वंदी और लोकतांत्रिक विकल्प के रूप में देखता है।